आज का जमाना Computer और Laptop का है। जिस तेजी के साथ दुनिया तरक्की कर रही है उतनी ही तेजी के साथ नई नई Technology भी सामने आ रही है। Computer पहले से ज्यादा Smart हो रहे हैं। ऐसे में इन Computers को बनाने के लिए भी Engineers की Demands बढ़ती जा रही है।
यही वजह है कि आज के समय में Computer बनाने वाले Engineers की Demands तेजी से बढ़ गई है। भले ही Computer इंसानों से तेज काम करता है, लेकिन आखिर इसे बनाया तो इंसान नहीं है। क्या आप जानते हैं कि जो Computer बनाते हैं उसे क्या कहते हैं उसे Hardware Engineer कहते हैं।
आज के इस लेख में हम इसी की चर्चा करेंगे कि Hardware Engineer क्या है। तो चलिए इस लेख की शुरुआत करते हैं। Hardware Engineering करने वाले इंजीनियरों की Demands आज के समय में काफी ज्यादा है।
अब आप इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आजकल हर Company चाहे छोटी हो या फिर बड़ी हर जगह कम्प्यूटराइज काम हो गया है। यहां तक कि अब तो मेडिकल और छोटे छोटे शॉप पर भी Computer बेस्ड काम हो गया है।
जिसकी वजह से Hardware Engineer की या फिर सरल शब्दों में कहें तो Computer बनाने वालों की Demands दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।आइये हम हार्डवेयर इंजिनियर से जुड़े किन किन टॉपिक्स पर चर्चा करने वाले हैं, उसके बारे में जान लेते हैं।
- Hardware Engineer क्या होता है?
- इसमें कौन कौन से Course होते हैं?
- Course करने में फी कितनी लगती है?
- Course में क्या क्या पढ़ाया जाता है?
- क्वालिफिकेशन क्या चाहिए?
- Hardware Engineering के लिए टॉप कॉलेज कौन कौन से हैं?
- Course के बाद करियर के क्या स्कोप हैं?
- Hardware Engineer को कितनी सैलरी मिलती है?
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Hardware Engineer क्या होता है?
Hardware Engineer क्या होते हैं और यह क्या काम करते हैं उसे समझने से पहले यह समझना होगा कि हार्डवेयर दरअसल होता क्या है। तो दोस्तों Computer में हार्डवेयर उस पार्ट को कहते हैं जिसे आप छू सकते हैं यानी कि टच कर सकते हैं। जैसे Computer का हर वह पार्ट जिसे हम छू सकते हैं उसे हार्डवेयर कहते हैं। Computer में चाहे मॉनिटर हो, रैम हो, हार्ड डिस्क हो या फिर मदरबोर्ड हो ये तमाम चीजें हार्डवेयर में आते हैं।
अक्सर आपने देखा होगा कि Computer या फिर Laptop में कुछ खराबी आ जाने पर इसे रिपेयर कराने के लिए आपको Computer के इंजीनियर के पास जाना पड़ता है और वह आपके Computer या Laptop को ठीक करके दे देते हैं। जो Computer को रिपेयर करते हैं उसे Hardware Engineer कहते हैं और इसकी पढ़ाई को Hardware Engineering कहते हैं।
Hardware Engineering में कौन कौन से Course होते हैं?
Hardware Engineering में वैसे तो बहुत सारे Course होते हैं जिसे आप कर सकते हैं। बेसिकली यह Courses दो तरह के होते हैं पहला डिप्लोमा और दूसरा डिग्री Course. अगर आप डिप्लोमा का Course करते हैं तो इसमें आपको दो या फिर तीन साल लग सकता है। जबकि अगर आप डिग्री का Course करते हैं तो आपको 3 से 4 साल का वक्त लग जाता है। वैसे तो इसमें बहुत सारे Courses होते हैं लेकिन हम आपको कुछ उदाहरण के तौर पर बताते हैं कि किस तरह के Courses इसमें करवाए जाते हैं।
- हार्डवेयर नेटवर्किंग कोर्स।
- हार्डवेयर डिप्लोमा कोर्स।
- कंप्यूटर सीएएलसी कोर्स।
- कंप्यूटर माइक्रो प्रोसेसिंग कोर्स।
- डिप्लोमा इन कंप्यूटर सीएलसी।
- कंप्यूटर हार्डवेयर स्ट्रक्चर।
Hardware Engineering के लिए फीस कितनी लगती है?
हर Course की एक निश्चित फी होती है लेकिन फी इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप कौन से कॉलेज से हार्डवेयर इंजीयरिंग का Course कर रहे हैं। मसलन सरकारी कॉलेज या फिर प्राइवेट कॉलेज। उसमें भी कई कैटगरी है जैसे कॉलेज कितना रेपुटेड है। इस बेस पर भी फी निर्धारित की जाती है।
सरकारी और प्राइवेट दोनों में इसकी अलग अलग फी है। जैसे अगर आप किसी प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेते हैं तो आपको 50000 से 1 लाख रुपये तक की फी लग सकती है। जबकि अगर आप सरकारी कॉलेज से करते हैं तो फी थोड़ी कम लगती है।
Hardware Engineering का Course करते वक्त क्या क्या पढ़ाया जाता है?
Hardware Engineering में आपको बेसिकली Computer के पार्ट्स के बारे में पढ़ाया जाता है तो चलिए जानते हैं इसमें क्या – क्या सिखाया जाता है। सबसे पहले आपको Computer की स्ट्रक्चर कैसे की जाती है इसके बारे में बताया जाता है और उसमें कौन कौन से बॉडी पार्ट्स लगे होते हैं उसके बारे में बताया जाता है।
Computer में पावर सप्लाई किस तरह की जाती है उससे रिलेटेड ज्ञान भी दिया जाता है। उसके बाद Computer में माइक्रो प्रोसेसिंग क्या कार्य करता है और कैसे करता है उसके बारे में बताया जाता है। Computer मेमोरी चिप के कार्य और उसके स्ट्रक्चर का ज्ञान दिया जाता है।
Computer में मदरबोर्ड कैसे और क्या कार्य करता है और मदरबोर्ड कैसे बनाया जाता है उसका भी ज्ञान दिया जाता है। Computer को कैसे असेंबल किया जाता है और कीबोर्ड और माउस को कैसे रिपेयर किया जाता है उससे रिलेटेड इनफार्मेशन दी जाती है।
इसी के साथ Computer नेटवर्किंग सिस्टम की जानकारी और सीपीयू के कार्यों का भी ज्ञान दिया जाता है। सीपीयू की मदद से Computer कैसे कार्य करता है और इसी के साथ साथ इनपुट और आउटपुट के कार्य भी समझाए जाते हैं।
Hardware Engineering की पढ़ाई करने के लिए क्वालिफिकेशन क्या चाहिए?
जैसा कि आपको पता है इसमें डिप्लोमा और डिग्री दो अलग अलग Courses होते हैं। इसके लिए शैक्षणिक योग्यता भी अलग अलग चाहिए होती है। तो चलिए जानते हैं। हार्डवेयर के लिए क्या क्वालिफिकेशन चाहिए।
Hardware Engineering के लिए ट्वेल्थ पास होना जरूरी है। ट्वेल्थ में मैथ्स और इंग्लिश विषय होना जरूरी है। इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना जरूरी है। अगर आप इस क्राइटेरिया को पूरा कर लेते हैं तो आपको Hardware Engineering के Course में आसानी से एडमिशन मिल जाएगा।
Hardware Engineering के लिए टॉप कॉलेज कौन कौन से हैं?
वैसे तो Hardware Engineering करने के लिए हर शहर में इंस्टीच्यूट मिल जाएंगे जहां से आप इस Course को कर सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी बड़े कॉलेज में करना चाहते हैं तो उसके लिए हम आपको कुछ टॉप कॉलेज के नाम बताते हैं जहां से आप इस Course को कर सकते हैं जैसे –
- आईआईटी दिल्ली।
- आईआईटी कानपुर।
- आईआईटी बॉम्बे।
- आईआईटी खड़गपुर।
- आईआईटीएम।
- चंडीगढ यूनिवर्सिटी।
- बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस।
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी।
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हार्डवेयर टेक्नोलॉजी, बेंगलोर।
- इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग लखनऊ।
Hardware Course करने के बाद करियर के क्या स्कोप हैं?
जैसा कि आप जानते हैं दुनिया कितनी तेजी के साथ डेवलप कर रही है। पूरी दुनिया Computer पर डिपेंड होती जा रही है। हर छोटे से छोटे काम के लिए Computer का इस्तेमाल हो रहा है। तो अगर आप Hardware Engineer का Course कर लेते हैं तो आपको अपने भविष्य के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जब तक Computer का इस्तेमाल इस दुनिया में होता रहेगा तब तक Computer Hardware Engineering को नौकरी के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Hardware Engineer को कितनी सैलरी मिलती है?
किसी भी Course को करने के पहले और उसमें अपना करियर बनाने के लिए सोचते वक्त हर व्यक्ति के मन में एक सवाल तो जरूर आता है कि इस क्षेत्र में नौकरी करने पर सैलरी कितनी मिलेगी। पहले तो आपको साफ – साफ बता दें कि इसमें सिर्फ आप नौकरी नहीं कर रहे हैं।
बल्कि अगर आप चाहें तो खुद के हार्डवेयर का काम शुरू करके हर महीने लाखों रुपये कमा सकते हैं। जबकि अगर आप नौकरी करते हैं तो आपकी शुरुआती सैलरी 30000 से 50000 रूपये के बीच होती है। जबकि जैसे जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा या फिर आप किसी बड़ी Company में ज्वाइन करेंगे तो आपकी सैलरी भी बढ़ती जाएगी।
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